लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
दोनों पीड़ित महिला खिलाड़ी भारतीय महिला लीग में अपने क्लब की ओर से भाग लेने के लिए गोवा गई थीं. उनका आरोप है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा मैच खत्म होने के बाद रात को नशे की हालत में उनके कमरे में घुस आए और मारपीट शुरू कर दी. शर्मा हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव भी हैं.
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित 'लोकतंत्र बचाओ महारैली' में अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए मंच पर पहली पंक्ति में दो कुर्सियां खाली छोड़ी गई थीं.
घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की है. वृद्ध दलित महिला की बकरी एक खेत में घुस गई थी, जिसके बाद खेत मालिक ने जातिसूचक गालियां देते हुए महिला को लाठी से पीटा.
आयकर विभाग द्वारा शुक्रवार शाम को जारी दो नए नोटिस में कांग्रेस से वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1,745 करोड़ रुपये की मांग की गई है. यह नोटिस कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर 'टैक्स टेररिज़्म' का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद भेजे गए हैं.
पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना इसे ग़ैरक़ानूनी ठहराने वालीं शीर्ष अदालत की एकमात्र जज थीं. उन्होंने अब कहा है कि जिस तरह से नोटबंदी की गई, वह सही नहीं था.
पहले ‘तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें ये दूंगा’ जैसी सौदेबाज़ी और नैतिकताओं व सरोकारों को तिलांजलि देने का रिवाज इतना आम नहीं था. ठीक है कि जिताने-हराने की अच्छी-बुरी कवायदें तब भी कुछ कम नहीं होती थीं, लेकिन हारने वाले नेताओं की आज जितनी खिल्ली नहीं ही उड़ाई जाती थी.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय नहीं कहने और करने का आशय है भारतीय सभ्यता, भारतीय परंपरा, भारतीय लोकतंत्र के अपनी प्रतिबद्धता का इसरार करना. जो इस समय नहीं कहने-करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा वह नैतिक चूक का चरित्र होगा.
चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद 28 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड छपाई पर 'तुरंत रोक लगाने' के लिए कहा था.