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भारतीय फुटबॉल महासंघ के सदस्य महिला खिलाड़ियों से मारपीट, दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ़्तार

दोनों पीड़ित महिला खिलाड़ी भारतीय महिला लीग में अपने क्लब की ओर से भाग लेने के लिए गोवा गई थीं. उनका आरोप है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा मैच खत्म होने के बाद रात को नशे की हालत में उनके कमरे में घुस आए और मारपीट शुरू कर दी. शर्मा हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव भी हैं.

इंडिया गठबंधन ने केजरीवाल-सोरेन की रिहाई और भाजपा के फंड की एसआईटी जांच समेत 5 मांगें रखीं

विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित 'लोकतंत्र बचाओ महारैली' में अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए मंच पर पहली पंक्ति में दो कुर्सियां खाली छोड़ी गई थीं.

उत्तर प्रदेश: खेत में बकरी घुसने पर 60 वर्षीय दलित महिला की बेरहमी से पिटाई

घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की है. वृद्ध दलित महिला की बकरी एक खेत में घुस गई थी, जिसके बाद खेत मालिक ने जातिसूचक गालियां देते हुए महिला को लाठी से पीटा.

कांग्रेस को आयकर विभाग से नए नोटिस मिले, अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये टैक्स की मांग

आयकर विभाग द्वारा शुक्रवार शाम को जारी दो नए नोटिस में कांग्रेस से वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1,745 करोड़ रुपये की मांग की गई है. यह नोटिस कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर 'टैक्स टेररिज़्म' का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद भेजे गए हैं.

‘नोटबंदी काले धन को सफेद करने का एक अच्छा तरीका था’- जस्टिस बीवी नागरत्ना

पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना इसे ग़ैरक़ानूनी ठहराने वालीं शीर्ष अदालत की एकमात्र जज थीं. उन्होंने अब कहा है कि जिस तरह से नोटबंदी की गई, वह सही नहीं था.

चुनावी इतिहास में ऐसी शिकस्तें भी रहीं, जो नेताओं के गले पड़कर भी उन्हें रोक नहीं पाईं

पहले ‘तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें ये दूंगा’ जैसी सौदेबाज़ी और नैतिकताओं व सरोकारों को तिलांजलि देने का रिवाज इतना आम नहीं था. ठीक है कि जिताने-हराने की अच्छी-बुरी कवायदें तब भी कुछ कम नहीं होती थीं, लेकिन हारने वाले नेताओं की आज जितनी खिल्ली नहीं ही उड़ाई जाती थी.

हां के बेसुरे कीर्तन में नहीं की दरकार

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय नहीं कहने और करने का आशय है भारतीय सभ्यता, भारतीय परंपरा, भारतीय लोकतंत्र के अपनी प्रतिबद्धता का इसरार करना. जो इस समय नहीं कहने-करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा वह नैतिक चूक का चरित्र होगा. 

भारत में कौन जनतंत्र को ज़िंदा रखना चाहता है

चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.

कोर्ट के चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने से 3 दिन पहले सरकार ने 10,000 करोड़ के बॉन्ड छापने की मंज़ूरी दी

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद 28 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड छपाई पर 'तुरंत रोक लगाने' के लिए कहा था.

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