प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान हसीना को फांसी देने की मांग करते हुए नारे भी लगाए. पिछले साल बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख़ हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और वो 5 अगस्त को भारत आ गई थीं.