लोकसभा चुनाव 2024 में मिली बढ़त (दस में पांच सीट) से कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई थी. उसके पास किसान आंदोलन, पहलवानों का अपमान और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे भी थे, मत प्रतिशत भी बढ़ा, लेकिन वह इसे जीत में तब्दील नहीं कर पाई.
अडानी का फैलता साम्राज्य
→वीडियो
→द वायर इन्वेस्टिगेशन
→बांग्लादेश: एक घूमता आईना
→सभी ख़बरें
जलवायु परिवर्तन के प्रकोपों को गुटों की कूटनीति में बंट कर नहीं, बल्कि मानवता का सामूहिक संकट समझ कर ही जूझा जा सकता है.
निर्माता-निर्देशक गांधी ने कहा, समाज के विभिन्न वर्गों से रचनात्मक लोगों को जिस तरह धमकियां मिल रही हैं, उससे रचनात्मक स्वतंत्रता ख़तरे में है.
केंद्रीय मंत्री अठावले का सुझाव, 'सवर्ण ग़रीबों को शिक्षा एवं रोज़गार में आरक्षण देने से दलितों पर अत्याचार रुक जाएगा और जाति व्यवस्था ख़त्म होने में मदद मिलेगी.'
'नेता साबरमती के संत गीत की आलोचना कर बापू और अहिंसक आंदोलन के प्रति अपनी नफ़रत दिखा रहे हैं. अगर दिक्कत है तो इस गीत को प्रतिबंधित क्यों नहीं करा देते.'
जन्मदिन विशेष: इस सियासी उथल-पुथल में एक बुजुर्ग की हैसियत से मुझे ख़ौफ़ लगता है कि कहीं हिंदुस्तान में ज़बान, तहज़ीब और मज़हब के आधार पर कई हिंदुस्तान बन जाएं. यह बहुत अफ़सोसनाक होगा.
सिटीज़न फॉर जस्टिस एंड पीस की संस्थापक तीस्ता सीतलवाड़ का कहना है कि उनका संगठन आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के साथ कानूनी संसाधन प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करेगा.