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चित्रकूट पुलिस ने पिछले पांच महीनों में 16 वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में तीन कॉलेज शिक्षकों और उसके चचेरे भाई को गिरफ़्तार किया है. छात्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल और शिक्षकों सहित कुछ और लोगों के ख़िलाफ़ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
देश के पत्रकारों पर किया गया लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे बताता है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक पत्रकार अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह छोड़कर कुछ और करने के बारे में सोच रहे हैं.
लगभग सभी राज्यों में जहां क्षेत्रीय पार्टियां मज़बूत हैं, कांग्रेस उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी है. स्थानीय कांग्रेस इकाइयां इन दलों से वर्षों से मुक़ाबला कर रही हैं. अब इनका एकजुट होना, भले ही किसी बड़े मक़सद के लिए, आसान नहीं होगा.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
‘गेम्स 24x7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा जारी किए रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की राजधानी जयपुर तस्करी के शिकार बच्चों के लिए प्रमुख स्थलों में से एक बनकर उभरा है. इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली ज़िले हैं. शीर्ष 10 जिलों की सूची में राष्ट्रीय राजधानी के पांच ज़िले शामिल हैं.
हिंसा प्रभावित मणिपुर के दौरे पर गए विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे बीते क़रीब तीन महीनों से बदहाल राज्य की क़ानून और व्यवस्था की स्थिति केंद्र को बताएं ताकि वह शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करे.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न करके घुमाया था. पीठ ने सरकार से पूछा कि घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को इसे दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे?
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करने वाले इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने कहा है कि सरकार वास्तविक डेटा सामने आने से डरती है और जेम्स को 'बलि का बकरा' बनाया गया है.
जम्मू कश्मीर के प्रशासन द्वारा जारी वर्तमान आदेश की तरह ही पिछले वर्ष भी यहां स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए कहा गया था, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.