चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2008 के विधानसभा चुनाव में प्रति सीट औसतन 2 प्रतिशत से भी कम वोट हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इस बार जिन 19 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, वहां उसका मत प्रतिशत बढ़कर औसतन 6.76 प्रतिशत हो गया है.
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गुजरात में भाजपा को 99 और कांग्रेस को 80 सीटों पर जीत मिली, वहीं हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 44 और कांग्रेस ने 21 पर जीत दर्ज की.
हिमाचल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अर्की और शिमला ग्रामीण से जीत दर्ज की.
हार्दिक ने दावा किया, मतदान के दौरान कई जगह वाई-फाई नेटवर्क पकड़ा गया. कई स्थानों पर मतगणना से पहले ईवीएम की सील टूटी मिली.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया, सिद्धार्थ चिमनभाई पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल को क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.
कांग्रेस ने गुजरात के परिणामों को बताया नैतिक जीत, राहुल ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश की नई सरकारों को बधाई दी.