लोकसभा चुनाव 2024 में मिली बढ़त (दस में पांच सीट) से कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई थी. उसके पास किसान आंदोलन, पहलवानों का अपमान और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे भी थे, मत प्रतिशत भी बढ़ा, लेकिन वह इसे जीत में तब्दील नहीं कर पाई.