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देश भर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. यह हड़ताल कर्मचारियों, किसानों एवं आम आदमी के ख़िलाफ़ सरकार की कथित ग़लत नीतियों के विरोध में बुलाई गई है. केरल सरकार के आदेश के बावजूद राज्य के सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही. सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की योजना को रोकने की मांग कर रहे बैंकिंग कर्मचारी संगठनों ने भी इसमें भाग लिया. हड़ताल से सरकारी उपक्रमों- सेल, आरआईएनएल और एनएमडीसी संयंत्रों
भाजपा विधायक अनिल बेनाके और अड्गुर एच. विश्वनाथ ने कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मंदिरों के मेले और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति देने से इनकार किए जाने का विरोध किया है. विश्वनाथ ने इसे 'पागलपन' क़रार देते हुए कहा कि कोई भगवान या धर्म इस तरह चीज़ें नहीं सिखाता. वहीं, बेनाके ने कहा कि हर व्यक्ति अपना कारोबार कर सकता है, यह फ़ैसला लोगों का है कि वे कहां से क्या खरीदें.
मामला कुशीनगर ज़िले का है, जहां 28 साल के बाबर अली को 20 मार्च को कथित तौर पर उनके पड़ोसियों ने बेरहमी से पीटा और छत से नीचे फेंक दिया था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनके परिजनों का कहना है कि बाबर को भाजपा का प्रचार करने और जीत का जश्न मनाने के चलते पीटा गया, वहीं पुलिस का कहना है कि मामला नाली को लेकर विवाद का था.
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 विधेयक के पारित होने के बाद किसी भी अपराधी या आरोपी की पहचान के लिए उसके बायोलॉजिकल सैंपल, उंगलियों के निशान, पैरों के निशान और दूसरे ज़रूरी सैंपल लिए जाने का प्रावधान किया गया है. इन्हें एकत्र करके 75 सालों तक इस डेटा को संभाल कर रखा जा सकेगा.
मामला बागलकोट ज़िले का है. आरोप है कि एक महिला ने 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस पर कथित तौर पर शुभकामना देता हुआ वॉट्सऐप स्टेटस पोस्ट किया था, जिसके बाद उन्हें एक व्यक्ति की शिकायत पर 'वैमनस्य फैलाने' के आरोप में गिरफ़्तार किया था. हालांकि, अब महिला को ज़मानत दे दी गई है.
सुल्ली डील्स और बुली बाई डील्स नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिमों महिलाओं की तस्वीरों को बिना उन महिलाओं की मंज़ूरी के ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था. सुल्ली डील्स बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को ज़मानत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि आरोपी ने पहली बार अपराध किया है और लंबे समय तक क़ैद उसके लिए नुकसानदायक हो सकती है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की याचिका में कहा गया है कि यह मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ ‘प्रत्यक्ष भेदभाव’ का मामला है. कहा गया है कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली से एक वर्ग के भेदभाव, बहिष्कार और समग्र रूप से वंचित होने के अलावा किसी व्यक्ति के पवित्र धार्मिक विश्वास का गंभीर रूप से अतिक्रमण करता है. हाईकोर्ट ने बीते दिनों कक्षाओं में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी.
कर्नाटक के हिजाब को लेकर उपजे विवाद से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए बीते 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध बरक़रार रखा था. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि सभी को हाईकोर्ट के फैसले का पालन करना होगा, अन्यथा उन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
भरतनाट्यम नृत्यांगना मानसिया वीपी को त्रिशूर के विख्यात कुडलमाणिक्यम मंदिर में होने वाले एक उत्सव में 21 अप्रैल को प्रस्तुति देनी थी, पर उन्हें मंज़ूरी नहीं मिली, क्योंकि मंदिर परंपरा के अनुसार ग़ैर हिंदू परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते है. मुस्लिम परिवार में जन्मीं मानसिया का कहना है कि वे किसी भी धर्म को नहीं मानती हैं.