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मृत सीबीआई अधिकारी की पहचान पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत शर्मा के रूप में हुई है. वह जम्मू-कश्मीर से 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिछले चार वर्षों में सामने आए कई घोटालों की जांच का नेतृत्व कर रहे थे.
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश ने अपने ही एक पुराने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर कोई गलती करता है और एक बार जब आपको पता चल जाए कि गलती हो गई है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत इस तथ्य को स्वीकारें कि आपने गलती की है और इसे बदलने का प्रयास करें.
भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई उत्तर मध्य सीट से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीती थीं, लेकिन इस बार पार्टी ने मुंबई के 26/11 हमले और 1993 के बम धमाकों में सरकारी वकील रहे उज्जवल निकम को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?
इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पूर्व सिविल सेवकों के 'संवैधानिक आचरण समूह' ने सांप्रदायिक घृणा, हिंसा, चुनाव और मतदान, मौलिक अधिकारों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पत्र लिखे हैं. किताब के रूप में उन पत्रों का संचयन इस डराऊ-धमकाऊ समय में निर्भय, जागरूक साहस और असहमति का दस्तावेज़ है.
लोकसभा चुनाव के प्रचार के कई भाजपा नेता संविधान बदलने के लिए बहुमत हासिल करने की बात दोहरा चुके हैं. उनके ये बयान नए नहीं हैं, बल्कि संघ परिवार के उनके पूर्वजों द्वारा भारतीय संविधान के प्रति समय-समय पर ज़ाहिर किए गए ऐतराज़ और इसे बदलने की इच्छा की तस्दीक करते हैं.
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जलवायु एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर सवाल किया कि ट्रोल्स के पास उनके एनजीओ की 25 साल पुरानी जानकारी, जो सिर्फ उनके और गृह मंत्रालय के पास है, कैसे पहुंची.
मामला उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का है, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया कि फार्मेसी पाठ्यक्रम की परीक्षा में कुछ छात्रों ने उत्तर-पुस्तिका में 'जय श्री राम' और क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम लिखे थे, इसके बावजूद भी उन्हें अच्छे अंक दिए गए.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रवक्ता अली मोहम्मद लोन की पीएसए के तहत हिरासत को दुर्भावनापूर्ण और अवैध बताते हुए रद्द कर दिया. अदालत ने कहा कि उन्हें 2019 से मार्च 2024 तक लगातार 1,080 दिनों से ज़्यादा समय के लिए जेल में रखने से उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ.