भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने पिछले महीने कहा था कि इसकी अध्यक्ष माधबी बुच ने 'हितों के टकराव' से जुड़े मामलों से ख़ुद को अलग कर लिया था, लेकिन अब एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि जिन मामलों से उन्होंने ख़ुद को अलग किया था, उनकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जुलाई 2019 में जमीनों पर कथित अवैध कब्जे के खिलाफ जब आदिवासियों और ग्रामीणों ने आवाज उठायी थी, तब भूमाफियाओं के साथ हुए खूनी संघर्ष में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में सोनभद्र पुलिस ने 65 लोगों को गिरफ्तार किया था और 51 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 11 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे सीएए को रद्द करने की मांग से जुड़ा विधेयक पारित करने के लिए उनके राज्य की विधानसभा का अनुकरण करें. दूसरी ओर भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में जनजागरण अभियान शुरू कर दिया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत लाखों फ़र्ज़ी गोल्डन कार्ड बनाए गए. अधिकतर मामले गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब के अस्पतालों में हुए. अकेले गुजरात सरकार ने 15 हज़ार फ़र्ज़ी कार्ड रद्द किए, पर अब भी पांच हज़ार कार्ड फ़र्ज़ी होने की आशंका है.
उत्तर प्रदेश के नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट तब सार्वजनिक हो गई जब एक कथित वीडियो सेक्स चैट वायरल हो गया था. रिपोर्ट में एसएसपी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वे पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ केसों और गिरफ्तारियों को भी प्रभावित करते थे. इस संबंध में डीजीपी ने एसएसपी से जवाब मांगा है.
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि इंदौर में ज़िला प्रशासन भाजपा कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई कर रहा है. इसी दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह धमकी दी. इससे पहले एक वीडियो में उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय नगर निगम के एक अधिकारी को बल्ले से पीटते नज़र आए थे.