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महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस के जरिये पिछले साल नवंबर में साल 2020 के कथित फ़र्ज़ी टीआरपी मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी सहित 22 आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर वापस लेने की अर्ज़ी दायर की थी.
उत्तराखंड पुलिस ने अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाने वाले स्वतंत्र पत्रकार और 'जागो उत्तराखंड' के संपादक आशुतोष नेगी को गिरफ़्तार करते हुए कहा है कि उसे उन जैसे तथाकथित एक्टिविस्ट की मंशा पर संदेह है. उनका एजेंडा न्याय मांगना नहीं समाज में अराजकता और कलह पैदा करना है.
सोनम वांगचुक ने बुधवार को कहा कि लद्दाख के लोग वादे पूरे न करने से आहत हैं, इसलिए सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए मैंने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है.
पहली बार चुनावी बॉन्ड पेश किए जाने के समय आर्थिक मामलों के सचिव रहे पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड की जानकारी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है, उपलब्ध कराने के लिए 'एक दिन से ज़्यादा के समय की ज़रूरत' नहीं है.
एसबीआई ने 5 मार्च को शीर्ष अदालत से राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे या भुनाए गए सभी चुनावी बांड्स का विवरण देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. इसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य एनआरसी लागू नहीं कर सकता. हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है और मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को सिफ़ारिश भेज रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम में कहा कि अदालत से संबंधित कार्यक्रमों में पूजा-अर्चना बंद कर दी जानी चाहिए और कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति के सामने झुककर धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
वीडियो: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय के इस्तीफ़ा देने के बाद भाजपा में शामिल होने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज गोविंद माथुर से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: योगी आदित्यनाथ द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार में सुभासपा के ओपी राजभर समेत दल-बदलू इतिहास वाले नेताओं को शामिल करना क्या किसी मज़बूरी के चलते हुए है? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.