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अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और ऑडिट धोखाधड़ी’ के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति मई में अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप चुकी है. अब समिति सदस्यों पर हितों के टकराव के आरोप लगाते हुए इसके पुनर्गठन की मांग की गई है.
घटना रविवार शाम को धनबाद के झरिया में कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा संचालित गोंदुडीह खास कुसुंडा कोलियरी के पास हुई. आक्रोशित ग्रामीणों ने मौक़े पर पहुंचे कुछ अधिकारियों के साथ मारपीट भी की.
ओडिशा के रायगड़ा ज़िले की सिजिमाली पहाड़ियों में वेदांता और रायगड़ा और कालाहांडी ज़िलों में फैली कुटरुमाली पहाड़ियों में अडानी समूह को वनभूमि पट्टे पर दी गई है. आदिवासी अधिकार संगठन और कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध कर रहे आदिवासी युवाओं के पुलिस द्वारा दमन का आरोप लगाया है.
कोटा में विज्ञान नगर इलाके में नीट की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने सोमवार को अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली. इस साल राज्य के कोचिंग हब में ऐसे मामलों की संख्या 25 हो गई है. यह संख्या 2015 के बाद से अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है.
शीर्ष अदालत बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली एनबीडीए की याचिका सुन रही है, जिसमें टीवी चैनलों के स्व-नियमन के अप्रभावी होने के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चैनलों के लिए स्व-नियामक तंत्र सख़्त होना चाहिए, साथ ही उनकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
एक्सक्लूसिव: 2002 के गुजरात दंगों पर उसी साल ब्रिटिश राजनयिकों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में दंगों को पूर्व नियोजित बताते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार ठहराया गया था. तब इस रिपोर्ट के लीक होने पर विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह ने ब्रिटिश विदेश सचिव से बात की थी, पर रिपोर्ट के निष्कर्षों का विरोध नहीं किया था.
जो लोग यक़ीन करते हैं कि भारत अब भी एक लोकतंत्र है, उनको बीते कुछ महीनों में मणिपुर से लेकर मुज़फ़्फ़रनगर तक हुई घटनाओं पर नज़र डालनी चाहिए. चेतावनियों का वक़्त ख़त्म हो चुका है और हम अपने अवाम के एक हिस्से से उतने ही ख़ौफ़ज़दा हैं जितना अपने नेताओं से.
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को वित्त मंत्रालय ने सलाह दी है कि भविष्य में ब्याज दर की सिफ़ारिशों को उसके द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ही सार्वजनिक किया जाए. यह आदेश ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की सिफ़ारिश करने के बाद जारी किया गया था.