लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
वीडियो: पिछले 5 साल में अडानी ग्रुप ने बंदरगाह के कारोबार में ज़बरदस्त कमाई की है. द वायर पर प्रकाशित तीन लेखों की शृंखला में आंध्र प्रदेश के गंगावाराम पोर्ट के अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण को आधार बनाकर बताया गया है कि कैसे सरकार ने समूह का कारोबार बढ़ाने में मदद की. इसे विस्तार से बता रहे हैं अजय कुमार.
वीडियो: बीते कुछ महीनों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दलित समुदाय के लोगों पर अत्याचार के दिल दहलाने वाले मामले सामने आए हैं. हालांकि, इन मामलों को लेकर हुई कार्रवाई घटनाओं की बढ़ती संख्या की तुलना में कहीं पीछे है. इस बारे में वंचित बहुजन अघाड़ी से जुड़े प्रियदर्शी तेलांग से बातचीत.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में फंसाए गए और फिर बरी हुए वाहिद शेख़ की इशरत जहां एनकाउंटर पर लिखी किताब सार्वजनिक जानकारी, सीबीआई जांच और इशरत के परिजनों से बातचीत पर आधारित है. हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न देते हुए इसे 'सरकार विरोधी' बता रही है.
खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी के पत्रकारों द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स के साथ साझा किए गए दस्तावेज़ बताते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह में आने वाले जिन 'मॉरीशस के निवेश फंड्स' ज़िक्र किया गया था, उनके तार अडानी समूह से ही जुड़े हैं.
हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कार्यरत एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने उनके विभाग के दो सहकर्मियों और दो छात्रों पर मारपीट, छेड़छाड़ और उन्हें अपमानित करने के आरोप लगाए हैं. दलित समुदाय से आने वाली शिकायतकर्ता ने कहा है कि घटना 22 मई को हुई थी, लेकिन पुलिस ने 27 अगस्त तक केस दर्ज नहीं किया.
गुजरात सरकार ने हाल ही में गुजरात कॉमन यूनिवर्सिटीज़ बिल के मसौदे की घोषणा की है, जिसे अगले महीने विधानसभा में पेश किया जा सकता है. इसे शिक्षा का 'सरकारीकरण' और स्वायत्तता को ख़तरा क़रार देते हुए छात्रों और शिक्षक संघ इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण करते हुए बताया गया है कि 6 दिसंबर 2021 और इस साल 18 अगस्त को ली गई तस्वीरों की तुलना से पता चलता है कि चीनियों ने अक्साई चिन के 15 वर्ग किलोमीटर के भीतर छह स्थानों पर बंकर बनाए हैं और अंडरग्राउंड निर्माण किया है.