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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर घेरते हुए बोला कि आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो, आपने मणिपुर में केरोसिन फेंका, चिंगारी लगा दी. अब आप हरियाणा में कर रहे हो. पूरे देश को आप जलाने में लगे हो.
रेलवे पुलिस के अनुसार, घटना के बाद सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह की आवाज़ के नमूने और तस्वीरों के मिलान के लिए फॉरेंसिक जांच कराई गई थी, जिसमें सिंह के होने की पुष्टि हो जाने के बाद मामले में नफ़रत फैलाने संबंधी आईपीसी की धारा जोड़ी गई है.
भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के लगभग 20 वर्तमान और पूर्व फैकल्टी सदस्यों ने भारतीय कॉरपोरेट्स को संबोधित करते हुए एक पत्र में कहा है कि वे कॉरपोरेट जगत का ध्यान 'देश में हिंसक संघर्षों के बढ़ते ख़तरे के साथ आंतरिक सुरक्षा की नाज़ुक स्थिति' की ओर आकर्षित करना चाहते हैं.
मणिपुर पुलिस ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वह तीन हत्याओं के आरोपी सशस्त्र बदमाशों का पीछा कर रही थी तो असम राइफल्स ने उसे रास्ते में रोक लिया था, जिसके चलते आरोपी भागने में सफल हुए. सेना ने एक बयान जारी करके इसे उसकी छवि ख़राब करने का प्रयास बताया है.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र पर सूबे के लोगों की इच्छा को समझने का प्रयास किए बिना ही 'एकतरफा' निर्णय लेने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि जब आप जम्मू कश्मीर के साथ इस तरह के विशेष संबंध को तोड़ना चाहते हैं तो लोगों की राय लेनी होगी.
पाकिस्तान में आम चुनाव की मांग ज़ोर पकड़ रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी, सैन्य भागीदारी, आर्थिक अराजकता, बढ़ती महंगाई और देश में गैस और बिजली की भारी कमी के बीच वहां की सरकार ऐसा कर पाएगी?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय सेना ने घरेलू स्तर पर निर्मित निगरानी ड्रोन में चीनी उपकरणों और पुर्ज़ों के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसे पुर्ज़ों में 'सुरक्षा ख़ामियां' होती हैं जो महत्वपूर्ण भारतीय सैन्य डेटा को ख़तरे में डाल सकती हैं.
भाजपा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने संसद में पेश रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि जिस तरह नेताओं और नौकरशाहों द्वारा उनकी संपत्ति की घोषणा की जाती है, उसी तरह सरकार उच्च न्यायपालिका के जजों के लिए उनकी संपत्ति की वार्षिक घोषणा अनिवार्य करने के लिए क़ानून बनाए.
देश की ग़ुलामी के दौर में विदेशी हुक्मरानों तक ने अपनी पुलिस से लोगों के जान-माल की रक्षा की अपेक्षा की थी, मगर अब आज़ादी के अमृतकाल में लोगों की चुनी हुई सरकार अपनी पुलिस के बूते सबको सुरक्षा देने में असमर्थ हो गई है.