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हल्द्वानी में नगर निगम द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र में एक मदरसे को 'अतिक्रमण' बताकर ढहाने की कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी. ज़िला प्रशासन ने दो लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि इसका कारण ज्ञात नहीं है. बताया गया है कि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
बीते 5 फरवरी को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने घोषणा की थी कि भारत अपने सैन्यकर्मियों को ‘वापस बुलाने’ पर सहमत हो गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में विवरण नहीं दिया गया और केवल इतना कहा गया कि दोनों देश ‘पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए हैं.
कथित संस्थागत जातिगत भेदभाव के कारण रोहित वेमुला और पायल तड़वी की आत्महत्या को लेकर उनकी माताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर यूजीसी ने इस मामले को देखने के लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया था. हालांकि समिति के सदस्यों के पास भेदभाव से निपटने का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन वे भाजपा से निकटता रखते हैं.
वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा में पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया गया है. इसे लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रज़िया बेग से बातचीत.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को ख़त्म कर दिया जाए. असम के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है.
केरल सरकार का समर्थन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला, डीएमके तथा अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और दिल्ली जल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य के परिसरों की तलाशी के अगले दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि एक अयोग्य कंपनी को ठेका देने के लिए दी गई रिश्वत का एक हिस्सा चुनावी फंड के रूप में पार्टी को गया था.
बीते 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री और अन्य सभी अदालतों को अदालती मामलों में वादकारियों की जाति या धर्म का उल्लेख करने की प्रथा को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया था. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन जैसे निकायों के सदस्यों से निर्देशों का ध्यान रखने को कहा है.