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महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में 24 लोगों की मौत को लेकर विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. इन नेताओं ने भविष्य में मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जिनमें से चार किसान थे. ये किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उनके दर्जन भर साथियों के ख़िलाफ़ किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं.
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचांदपुर ज़िले में अनिश्चितकालीन बंद की शुरुआत करते हुए केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दो छात्रों की हत्या के संबंध में की गईं गिरफ़्तारियों को जल्दबाजी में की गई चयनित कार्रवाई क़रार दिया. दूसरी ओर कांगपोकपी ज़िले में भी एक अन्य कुकी-ज़ोमी संगठन कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी ने गिरफ़्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन बंद किया है.
महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 24 घंटों में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हुई है. पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अशोक चव्हाण के पिता के नाम पर यह अस्पताल है. उन्होंने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा स्थिति चिंताजनक है. अस्पताल वित्तीय संकट में है.
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में सोमवार सुबह सड़क किनारे चाय की दुकान से पैसे चुराने के संदेह में 12 साल के एक लड़के के साथ यह बर्बरता की गई. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पिटाई से लड़के को बांह और पीठ पर चोटें आई हैं.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
बिहार सरकार द्वारा जारी जाति-आधारित सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से ज़्यादा है, जिसमें पिछड़ा वर्ग 27.13 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी और सामान्य वर्ग 15.52 फीसदी है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तहत अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) द्वारा 2022-23 में 246 कॉलेजों के मूल्यांकन में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी सदस्य या सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नहीं थे और ये सभी 50 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा करने में विफल रहे हैं.
नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था की ओर से कहा गया कि फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार कैटलिन कैरिको और ड्रू वाइज़मैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिया गया है, जिसने कोविड-19 के ख़िलाफ़ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम बनाया है.