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एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहायक कंपनियां अदालती आदेशों के ज़रिये उन दस्तावेज़ों को जारी होने से रोक रही हैं जिनसे अडानी समूह द्वारा भारत में कोयला आयात का अधिक मूल्य लगाने, जिसके चलते उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ी है, की बात सामने आती है.
डब्ल्यूएचओ और यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी के दौरान खसरा टीकाकरण 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गया, जिससे 2022 में मामलों में 18% और मौतों में 43% की वृद्धि हुई. 2022 में भारत में खसरे के 40,967 मामले दर्ज हुए थे.
मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) ने कहा कि अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्नी को विदेश यात्रा से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. उन्हें अगले सप्ताह से दिल्ली के ईओडब्ल्यू कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था. वहीं, ग्रोवर ने दावा किया कि उन्हें पूछताछ के लिए शुक्रवार सुबह तक कोई संचार या समन नहीं मिला था.
कश्मीरी पत्रकार और समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह को पहली बार पिछले साल 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर ‘आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन’ करने और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले में एक मुठभेड़ की कथित ‘ग़लत रिपोर्टिंग’ करके ‘देश के ख़िलाफ़ असंतोष’ पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
दुनियाभर के 1,265 मीडियाकर्मियों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में पश्चिम के न्यूज़रूम्स से अपील की गई है कि वे ऐसी अमानवीय बयानबाज़ी से बचें, जो फ़िलिस्तीनियों के नस्लीय सफाए (एथनिक क्लींज़िंग) को उचित ठहराती है.
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ़्तिख़ार अहमद जावेद ने राज्य सरकार के सर्वे में ग़ैर-मान्यता प्राप्त पाए गए 8,449 मदरसों को मान्यता प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इनमें पढ़ने वाले 90-95 प्रतिशत छात्र पसमांदा समुदाय के हैं, जिसके कल्याण की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में एक चुनावी रैली में मतदाताओं से कहा है कि वे ‘कमल’ के बटन को ऐसे दबाएं जैसे कि कांग्रेस को मौत की सज़ा दे रहे हों. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री जैसे ज़िम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति वोट के ज़रिये फांसी देने की बात कैसे कर सकता है? पार्टी ने चुनाव आयोग से कार्रवाई का आग्रह किया.