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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया

'जननायक' के नाम से लोकप्रिय समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को पुरस्कार देने की मांग पिछले कुछ दशकों में बिहार के प्रमुख नेताओं द्वारा की गई थी. 1978 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े, अत्यंत पिछड़े वर्गों, शिक्षित और ग़रीब महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की थी.

राष्ट्र के नाम पत्र: हम पागलपन के बजाय विवेक को चुनें

क्या हमारे बच्चे ऐसे भारत में बड़े होंगे जहां धर्म हमारी सभी पहचानों, बातचीत, जीवन के नियमों को समाहित कर लेता है- दूसरों को कम मानवीय, दूसरे दर्जे के का बना देता है?

22 जनवरी 2024: ‘वो दिन जब मेरे सपनों का भारत मर गया’

वीडियो: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

महिला आरक्षण तत्काल लागू करने संबंधी याचिका का केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया

सितंबर 2023 में केंद्र, संसद और राज्य विधानसभाओं में 33% महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन अधिनियम लेकर आई थी, जिसे अगली जनगणना और इसके बाद होने वाले परिसीमन के बाद लागू किए जाने का प्रावधान किया गया है. इसे तत्काल लागू किए जाने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.

ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार और अफ़वाहें फैलाना भाजपा के शीर्ष नेताओं की आदत बन गई है: स्टालिन

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यपाल आरएन रवि तमिलनाडु के मंदिरों में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण को रोकने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि अफ़वाह फैलाना उच्च पदों पर बैठे भाजपा नेताओं की आदत बन गई है.

राम मंदिर समारोह में चार पूर्व सीजेआई, 12 से अधिक पूर्व जज और क़ानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए

अयोध्या में बीते 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जेएस खेहर, पूर्व सीजेआई जस्टिस वीएन खरे, पूर्व सीजेआई एनवी रमना और पूर्व सीजेआई यूयू ललित शामिल हुए. इसके अलावा जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक पूर्व न्यायाधीश भी मौजूद थे.

मोदी के भाषण में राम थे या राम के नाम पर की गई भाजपा की बेईमान राजनीति?

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हिंदुत्व की राजनीति करने वाले व्यक्ति का संबोधन था. वो, जिसने धर्म की भावुकता और राजसत्ता की बेईमानी से एक ऐसा मिश्रण किया है जिसके ज़रिये वह आम आस्थावान जनता को छल सके.

गुजरात दंगों के गवाहों की पुलिस सुरक्षा राम मंदिर समारोह से महीने भर पहले हटा दी गई थी

गुजरात दंगों के मुस्लिम गवाहों का कहना है कि कैसे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निकट आने के साथ उनकी सुरक्षा वापस ले लेने की कार्रवाई ने उनके डर को फिर से जगा दिया है. उनका कहना है कि राम मंदिर की मांग ने ही इस पूरे अध्याय को जन्म दिया था और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.

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