यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ली बैठी आवाज़ें ख़ामोश रहीं. अन्य देशों में भी यह साल युद्ध के दलदल में फंसा रहा. युद्ध पीड़ितों को खाना देने वाले संस्थाओं तक पर इस्रायल ने हमला किया.
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यदि आरबीआई द्वारा की गईं घोषणाओं और केंद्र के पहले कोरोना राहत पैकेज की राशि जोड़ दें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में करीब 13 लाख करोड़ रुपये की ही अतिरिक्त राशि बचती है, जिसका विवरण दिया जाना अभी बाकी है.
कोरोना वायरस को फैलने के रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान हिमाचल प्रदेश में प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं को सामने लाने और प्रशासनिक कमियों को उजागर करने के कारण कम से कम छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई है.
कोलकाता में एक युद्धपोत निर्माण केंद्र की सुरक्षा इकाई में तैनात सीआईएसएफ के सहायक उप-निरीक्षक की मौत हो गई है. अर्द्धसैनिक बलों के छह कर्मचारियों की अब तक कोविड-19 से जान जा चुकी है.
बीती सात मई को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के पास स्थित एलजी पॉलीमर्स कारखाने में हुए गैस के रिसाव की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में 29 जनवरी को डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार किया गया था. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा करने के बजाय उन पर रासुका लगा दिया गया था.
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा 12 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में कहा गया कि शहरी क्षेत्रों में 10 में से आठ श्रमिक (80 फीसदी) और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 में से लगभग छह श्रमिक (57 फीसदी) अपना रोज़गार खो चुके हैं. साथ ही ज़मीन पर राहत के तात्कालिक उपाय स्थिति की गंभीरता के अनुपात में नहीं दिखाई देते हैं.