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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मोदी सरकार के एजेंडा के चलते कोविड-19 के ख़तरे को कम दर्शाने के लिए वैज्ञानिकों पर दबाव डाला. अख़बार ने ऐसे कई सबूत दिए हैं, जो दिखाते हैं कि परिषद ने विज्ञान और साक्ष्यों की तुलना में सरकार के राजनीतिक उद्देश्यों को प्राथमिकता दी.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्टीट जर्नल द्वारा प्राप्त किए गए कंपनी के गोपनीय दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि फेसबुक ने क्रॉसचेक [XCheck] नाम से एक प्रोग्राम तैयार किया है, जो विभिन्न सेलिब्रिटीज़, नेताओं और पत्रकारों जैसे रसूख़दार लोगों को नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई से बचाता है.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर 2020 को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और कथित तौर पर बलात्कार किया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान युवती की मौत के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में देर रात उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.
भारतीय रिज़र्व बैंक के इस साल जुलाई के नोटिस में कहा गया है कि विदेशी एनजीओ को विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, 2010 की पूर्व संदर्भ श्रेणी (पीआरसी) में रखा गया है. इसका अर्थ है कि जब कोई विदेशी दानकर्ता भारत में प्राप्तकर्ता एसोसिएशन को राशि भेजेगा, तब इसके लिए उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूर्व में मंज़ूरी लेनी होगी.
चार बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माकपा नेता माणिक सरकार ने कहा है कि राज्य में भाजपा सभी 'लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और अमन पसंद नागरिकों' पर हमले कर रही है. सरकार ने यह आरोप भी लगाया कि वाम मोर्चे के 16 विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जाने से रोका जा रहा है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक साक्षात्कार में कहा कि भोजपुरी और मगही बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं. झारखंड का बिहारीकरण क्यों किया जाए? आदिवासियों ने झारखंड को अलग राज्य बनाने की लड़ाई क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर लड़ी थी, भोजपुरी और मगही भाषा की बदौलत नहीं.
स्थानीय हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी महंत धर्मदास ने कहा कि अयोध्या में रामलीला की एक विशेष परंपरा है और राम, सीता और अन्य के चरित्रों को निभाने वाले लोगों से आशीर्वाद लिया जाता है. उनका कहना है कि वे ऐसे बॉलीवुड अभिनेताओं से आशीर्वाद नहीं ले सकते जो धार्मिक अनुशासन का पालन नहीं करते हैं.
विवादित कृषि क़ानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस साल 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में भारतीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक सभाओं और संचार सेवाओं पर पाबंदी लगाए जाने का सिलसिला जारी है, जबकि सैकड़ों लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में हैं. साथ ही पत्रकारों को लगातार बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ता है.